म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें (Mutual Fund निवेश की पूरी जानकारी)

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

क्या आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना रहे है, अगर हां तो आपको म्यूचुअल फंड के बारे में समझना होगा। आजकल निवेश के लिए म्यूचुअल फंड काफी ज्यादा पॉपुलर हो रहा है क्योंकि इसमें शेयर मार्केट की तुलना में कम रिस्क होता है और फायदा ज्यादा होता है।

अगर आप अपने भविष्य के लिए कुछ पैसे सुरक्षित रखना चाहते है तो म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प है। अगर आप नहीं जानते है कि म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें, तो आर्टिकल को अंत अवश्य पढ़े।

Mutual Fund एक ऐसा फंड है जो बहुत सारे निवेशकों से लिया जाता हैं। इसके बाद इस फंड को शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है, और फिर जो भी फायदा होता है उसे निवेशकों के साथ बांट दिया जाता है। म्यूचुअल फंड को “एसेट मैनेजमेंट कंपनियों” (AMC) के द्वारा मैनेज किया जाता है, और प्रत्येक एएमसी में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम शामिल होती हैं।

चलिए अब आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज के इस लेख को।

म्यूचुअल फंड क्या है

आजकल म्यूचुअल फंड के काफी सारे चर्चे चल रहे हैं। टीवी और मोबाइल में म्यूचुअल फंड से संबंधित बहुत सारे विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं। म्यूचुअल फंड में हम अपने पैसों को कम रिस्क पर सुरक्षित निवेश कर सकते है। दरअसल, म्यूचुअल फंड में बहुत सारे लोग अपना पैसा एक जगह जमा करते हैं। और फिर निवेशकों से इकट्ठे हुए पैसों को स्टॉक, बांड, मनी मार्केट इंस्ट्रुमेंट और अन्य प्रकार के फाइनेंशियल एसेट में इन्वेस्ट किया जाता है।

Mutual Funds को एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) मैनेज करती हैं, और इसमें आमतौर पर कई कंप्यूचुअल फंड स्कीम शामिल होती हैं। म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टर्स को फंड के लाभ, हानि, आय तथा व्यय का आनुपातिक हिस्सा मिलता है। अगर मैं आसान भाषा में बताऊं तो म्यूचुअल फंड में पैसे लगाना बिल्कुल एक बड़े पिज्जा का एक छोटा टुकड़ा खरीदने जैसा है।

किसी भी निवेशक को म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है। क्योंकि एक बार निवेश करने के बाद म्यूचुअल फंड कंपनी आपके पैसों को सही जगह पर निवेश करती है। और प्रोफिट मिलने पर कुछ प्रतिशत प्रोफिट कंपनी खुद रखती है, और शेष प्रोफिट निवेशक को दे दिया जाता है।

म्यूचुअल फंड: यह एक ऐसा फंड है जो कई निवेशकों से एकत्रित किया हुआ होता है। इस फंड को अलग-अलग जगहों पर निवेश किया जाता हैं, जैसे स्टॉक, बांड, शॉर्ट-टर्म डेट, मनी मार्केट इंस्ट्रुमेंट आदि।

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार हैं

आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी अच्छा माना जा रहा है, क्योंकि इसमें निवेश करने के लिए आपको शेयर मार्केट की ज्यादा जानकारी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन म्यूचुअल फंड के कई प्रकार होने की वजह से आपको एक सही म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनना जरूरी है।

Mutual Fund में इन्वेस्ट कैसे करें, इसके बारे में जानने से पहले आपको म्यूचुअल फंड के प्रकार के बारे में जानना चाहिए। म्यूचुअल फंड को मुख्यत: पांच भागों में बांटा जा सकता हैं-

1. इक्विटी फंड्स (Equity Funds)

इक्विटी फंड्स, यह कैटेगरी सबसे सामान्य और हाई रिस्क वाली होती है, जिसे लार्ज, मिड और स्मॉल कैप जैसी सब-कैटेगरी में बांटा गया हैं।

लार्ज कैप फंड्स में पैसों को सीधे अधिक पूंजीकरण वाली बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है, और मिड कैप फंड्स में पैसों को मध्यम पूंजीकरण वाली कंपनियों में लगाया जाता है। और इसी तरह स्मॉल कैप फंड्स में पैसा कम पूंजीकरण वाली स्मॉल कंपनियों में लगाया जाता हैं।

2. डेट फंड्स (Debt Funds)

Debt Funds, यह फंड्स ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हैं, जो कम जोखिम उठाना चाहते है। इस तरह के फंड्स में पैसों को फिक्स्ड इनकम ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज आदि में निवेश किया जाता है।

डेट फंड्स पर बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव का असर कम होता है, इसलिए इस फंड्स में स्थिरता होती है। अगर आप कम जोखिम वाले फंड्स में निवेश करना चाहते है तो डेट फंड्स अच्छा ऑप्शन है।

3. हाइब्रिड या बैलेंस फंड्स (Hybrid or Balanced Funds)

हाइब्रिड फंड्स, इक्विटी और डेट फंड का मिश्रण होता है, मतलब इसमें बाजार का फायदा भी मिलता है और साथ ही जोखिम भी कम होता है। इसे दो सब-कैटेगरियों में बांटा गया हैं, 1. Aggressive Hybrid Fund और 2. Balanced Hybrid Fund।

Mutual Fund में जब आप कोई कैटेगरी सेलेक्ट करते है तो म्यूचुअल फंड मैनेजर उसी कैटेगरी में आपके पैसे इन्वेस्ट करता है। ध्यान दे कि एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में पैसों को अधिकतर इक्विटी में निवेश किया जाता है, जबकि बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में डेट फंड्स को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।

4. सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स (Solution Oriented Funds)

म्यूचुअल फंड की मदद से आप किसी खास लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की हाई एजुकेशन और शादी आदि के लिए भी पैसे जमा कर सकते है, जिसके लिए Solution Oriented Funds एक बहुत अच्छा ऑप्शन है।

यह फंड्स इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड्स का मिश्रण हो सकता है, जो आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। और इस तरह के कुछ फंड्स लॉग-इन पीरियड वाले होते हैं।

5. अन्य फंड्स (Other funds)

अभी तक हमने इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और सॉल्यूशन ओरिएंटेड जैसे फंड्स  के बारे में पढ़ा। लेकिन इसके अलावा भी कुछ अन्य प्रकार के फंड्स होते हैं, जैसे- लिक्विड फंड्स, ग्रोथ फंड्स, क्लोज एंडेड फंड्स, ओपन एंडेड फंड्स, और ईएलएसएस आदि।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड के काम करने का तरीका बहुत ही आसान है। सबसे पहले निवेशकों के उनके पैसे इकट्ठा किए जाते हैं। इसके बाद इन पैसों को अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट किया जाता हैं।

अगर आप शेयर मार्केट में पैसे लगाते है तो आपको खुद एक अच्छा शेयर ढूंढना पड़ता है। और फिर बड़े अमाउंट को शेयर मार्केट में निवेश करना पड़ता है ताकि अच्छा रिटर्न मिल सके। लेकिन म्यूचुअल फंड में हम बहुत कम निवेश से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है, और साथ ही शेयर मार्केट की तुलना में रिस्क भी कम होता है।

उदाहरण:

मान लीजिए कि आपने म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये निवेश किए है। अगर आप अकेले व्यक्ति है जो मामूली राशि का निवेश कर रहे हैं, तो आपको उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिलेगा। लेकिन म्यूचुअल फंड में, आपके जैसे बहुत सारे निवेशक होते हैं, जो छोटी-छोटी राशि का निवेश करते हैं। इस तरह पैसों का एक बहुत बड़ा पूल बन जाता है।

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते है, तो आप एक एसेट मैनेजमेंट फर्म में निवेश करते हैं, जो आपके पैसों को अलग-अलग एसेट में निवेश करती है। इस तरह आपको एक विविधतापूर्ण पोर्टफोलियों मिलता है, जिससे आपके निवेश का रिस्क कम हो जाता है।

ध्यान दे कि प्रत्येक म्यूचुअल फंड का प्रबंधन किसी प्रोफेशनल व्यक्ति या अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है। यह फंड मैनेजर किसी भी एसेट में निवेश करने से पहले उसके बारे में गहराई से रिसर्च करते है, और फिर  गहन शोध करने के बाद इन्वेस्ट करते है।

म्युचूअल फंड में निवेश करने के तरीके

आप म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से निवेश कर सकते है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो तरीके हैं, डायरेक्ट और रेगुलर। डायरेक्ट प्लान का मतलब है कि आप म्यूचुअल फंड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन निवेश शुरू कर सकते है। वहीं, रेगुलर प्लान में आप एडवाइजर, ब्रोकर या डिस्ट्रीब्यूटर की मदद से ऑफलाइन पैसे लगा सकते हैं।

डायरेक्ट निवेश में आपको फंड हाउस को कम चार्ज देना पड़ता हैं, मतलब एक्सपेंस रेशियों कम होता है। लेकिन रेगुलर प्लान में एक्सपेंस रेश्यो अधिक होता है। डायरेक्ट प्लान उनके लिए बिल्कुल सही है, जो ऑनलाइन निवेश करना और फंड सिलेक्शन करना जानते हैं। और जो लोग इन चीजों के बारे में नहीं जानते हैं, उन्हें रेगुलर प्लान से ही निवेश करना चाहिए।

म्यूचुअल फंड में आप निम्न तरीकों से निवेश शुरू कर सकते हैं-

  1. आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या फंड हाउस की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते है।
  2. आप विधिवत भरे हुए आवेदन फॉर्म, जरूरी डॉक्यूमेंट, और चेक या बैंक ड्राफ्ट के साथ म्यूचुअल फंड के नजदीकी शाखा कार्यालय, नामित निवेशक सेवा केंद्र (ISC), या संबंधित म्यूचुअल फंड के रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTA) पर जाकर इन्वेस्टमेंट कर सकते है।
  3. इसके अलावा आप AMFI के साथ रजिस्टर म्यूचुअल फंड वितरक के माध्यम से भी निवेश शुरू कर सकते है। यह वितरक कोई व्यक्ति, ब्रोकर हाउस, बैंक आदि हो सकता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों की पालन करना होगा।

  1. सबसे पहले आपको एक सही Mutual Fund Scheme का चयन करना होगा।
  2. म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए आपको एक अकाउंट भी खोलना होगा।
  3. अकाउंट खोलने के बाद आपको म्यूचुअल फंड खरीदना होगा।
  4. आप डायरेक्ट प्लान से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है।
  5. आप कितने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है, इसके बारे में सोचे।

1. म्यूचुअल फंड का चयन कैसे करें

मैने आपको पहले ही बताया था कि म्यूचुअल फंड के कई प्रकार है, इसलिए आपको सोच समझकर किसी एक म्यूचुअल फंड योजना का चयन करना होगा। और इसके लिए आपको निम्न विभिन्न तत्वों पर विचार करना चाहिए।

  • सबसे पहले आपको अपने निवेश का लक्ष्य निर्धारित करना होगा।
  • इसके बाद आपको अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करना होगा।
  • व्यय अनुपात का विश्लेषण करें, मतलब आप यह चेक करें कि आपके निवेश का कितना प्रतिशत फीस में जाता है।
  • म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करते समय सभी डॉक्यूमेंट को अच्छे से पढ़े।
  • सक्रिय या निष्क्रिय प्रबंधन शैली पर निर्णय लें। ध्यान दे कि दोनों दृष्टिकोणों के अपने पक्ष और विपक्ष हैं।
  • म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले फंड की लिक्विडिटी और आकार की जांच करें।
  • फंड मैनेजर कितना अनुभवी है, और उनका ट्रेक रिकॉर्ड क्या है, के बारे में पता करें।
  • पिछले कुछ वर्षों में सॉर्टलिस्ट किए गए फंडों के प्रदर्शन की जांच करें।
  • अब आपको कोई भी एक म्यूचुअल फंड योजना चुननी है जो आपके लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता के लिए सही हो।
  • यह जरूर सुनिश्चित करें कि आपने जो फंड चुना है, वह आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करें।

2. म्यूचुअल फंड खाता कैसे खोलें

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास एक म्यूचुअल फंड खाता होना आवश्यक है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी तरीके से म्यूचुअल फंड खाता खोल सकते है।

  • ऑफलाइन: निवेशक म्यूचुअल फंड वितरक या निकटतम शाखा कार्यालय में जाकर ऑफलाइन म्यूचुअल फंड अकाउंट ऑपन कर सकते है।
  • ऑनलाइन: निवेशक फंड हाउसों की वेबसाइट या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन म्यूचुअल फंड खाता ऑपन करवा सकते है।

3. म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें

म्यूचुअल फंड खरीदने यानी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरीके का इस्तेमाल कर सकते है। अगर आप ऑफलाइन तरीका चुनते है तो इसके लिए आपको अपने निकतम म्यूचुअल फंड के शाखा कार्यालय में जाना होगा। आप कार्यालय में जरूरी डॉक्यूमेंट और निवेश राशि जमा करके निवेश शुरू कर सकते है।

अगर आप ऑनलाइन म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते है तो इसके लिए निम्न प्रक्रिया को फॉलो करें-

  1. सबसे पहले किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या फंड हाउस की वेबसाइट का पता करें, जैसे- SBI Mutual Fund, HDFC Mutual Fund, Aditya Birla Sun Life Mutual Fund, ICICI Prudential Mutual Fund आदि।
  2. अपने नाम, ईमेल आईडी, पैन और आधार नंबर से चुने हुए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साइन अप करें।
  3. इसके अलावा अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक स्टेटमेंट की मदद से KYC प्रक्रिया पूरी करें।
  4. अब उस म्यूचुअल फंड का चयन करें, जिसमें आप निवेश करना चाहते है।
  5. आपको अपने बैंक अकाउंट को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लिंक करना होगा, ताकि आप भुगतान कर सकें।
  6. निवेश के लिए राशि दर्ज करें, और निवेश मोड (एकमुश्त या SIP) का चयन करें।
  7. इसके बाद निवेश राशि का भुगतान करें।
  8. निवेश करने के बाद अपने निवेश के प्रदर्शन पर नजर रखें।

इस तरह आप ऑनलाइन म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है।

नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले यह जरूर चेक करें कि वह म्यूचुअल फंड डायरेक्ट प्लान है या फिर रेगुलर प्लान। अगर आप डायरेक्ट प्लान से म्यूचुअल फंड में निवेश करते है तो आपको ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि आपका एक्सपेंस रेशियों कम हो जाएगा। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी तरह से डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते है।

4. म्यूचुअल फंड में कितना निवेश करें

म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने से पहले आपको यह जानना होगा कि म्यूचुअल फंड में कितना निवेश करना सही होगा। म्यूचुअल फंड योजनाओं में इन्वेस्टमेंट के लिए राशि विभिन्न मापदंडो पर निर्भर करती हैं, जैसे कि निवेशक का उद्देश्य, निवेश क्षितिज, जोखिम सहनशीलता और वर्तमान वित्तीय स्थिति।

हालांकि कानूनी तौर पर म्यूचुअल फंड के लिए कोई भी न्यूनतम राशि निर्धारित नही की गयी है। लेकिन भारत में अधिकांश म्यूचुअल फंडों के लिए न्यूनतम राशि निर्धारित की गयी है।

अधिकांश म्यूचुअल फंड योजनाओं में न्यूनतम राशि 500 से 5000 रुपये के बीच होती है, और कुछ श्रेणियों के म्यूचुअल फंड की न्यूनतम राशि अधिक हो सकती है।

म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश कैसे करें?

बहुत सारे लोग म्यूचुअल फंड में SIP की मदद से निवेश करते है। लेकिन अगर आपके पास एकमुश्त बड़ी राशि है तो आप एक ही बार में पूरा निवेश कर सकते है। एकमुश्त (Lumpsum) निवेश SIP निवेश के बिल्कुल विपरित है। आप डायरेक्ट और रेगुलर दोनों योजनाओं में एकमुश्त निवेश कर सकते है।

आप निम्नलिखित तरीके से म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं-

  1. सबसे पहले निवेश के लिए उपयुक्त योजना का चुनाव करें।
  2. एक अच्छा और विश्वसनीय फंड हाउस या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चुने।
  3. अपना एक म्यूचुअल फंड अकाउंट ऑपन करें।
  4. म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करने के लिए एकमुश्त (Lumpsum) निवेश को सेलेक्ट करें।
  5. अब अपने बैंक से निवेश राशि को स्थानांतरित करें।
  6. निवेश करने के बाद फंड के प्रदर्शन पर नियमित रूप से निगरानी रखें।

Mutual Fund SIP और Lumpsum क्या है

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के लिए मुख्यत: दो तरीके हैं, पहला – एसआईपी और दूसरा – लंपसम। SIP में निवेशक को हर महीने किस्त की तरह एक निश्चित राशि निवेश करनी पड़ती है। जबकि, लंपसम में एक साथ पूरी निवेश राशि को जमा करना पड़ता है। निवेश के लिए इन दोनों तरीकों के अपने-अपने फायदे और नुकसान है।

अगर आप म्यूचुअल फंड में SIP करते है तो हर महीने बेहद छोटी राशि जैसे 100 रुपये का निवेश करके बड़ा फायदा प्राप्त कर सकते है। SIP की वजह से आप बाजार के सभी उतार-चढ़ाव में आसानी से निवेश कर सकते है। इस तरह आपका निवेश एवरेज होता रहता है, और इससे आप लंबे समय में अच्छा पैसा बना सकते है। अगर आपकी इनकम बढ़ती है तो आप SIP को बढ़ा सकते है और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।

अगर लंपसम यानी एकमुश्त निवेश की बात करें तो आप इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते है। इस प्रकार के निवेश में आपको एक साथ पैसे देने पड़ते है, जिसकी मदद से आप किसी भी प्रकार के जुर्माने से बच सकते है। लेकिन ध्यान दे कि आपको एकमुश्त निवेश से पहले बाजार की बहुत गहराई से जानकारी प्राप्त करनी होगी। क्योंकि आपकी एक छोटी सी गलती आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

म्यूच्यूअल फंड में ओपन एंडेड और क्लोज एंडेड फंड्स क्या होते हैं?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको ओपन एंडेड और क्लोज एंडेड फंड्स के बारे जरूर जान लेना चाहिए। ओपन एंडेड फंड, ऐसे फंड को कहा जाता है जिसमें हम कभी भी निवेश कर सकते है और कभी भी बेच सकते है।

लेकिन क्लोज एंडेड फंड इसके विपरित होता है, मतलब यह एक ऐसा फंड होता है जिसे केवल AMC से न्यू फंड ऑफर (NFO) के दौरान ही खरीद सकते है, और इसे मैच्योरिटी पर ही रिडीम किया जा सकता है। हालांकि पहले भी रीडिम कर सकते है, लेकिन इसके लिए निवेश को पेनेल्टी चार्ज देना पड़ता है।

Mutual Funds में निवेश क्यों करना चाहिए?

आजकल म्यूचुअल फंड में निवेश को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर काफी सारे फायदे मिलते हैं। आप निम्नलिखित कारणों की वजह से Mutual Fund में इन्वेस्ट कर सकते है।

  • म्यूचुअल फंड में विविधीकरण प्रदान करता है, जिससे हमारे निवेश का जोखिम कम हो जाता है।
  • म्यूचुअल फंड में लिक्विडिटी होती हैं, जिसका मतलब है कि निवेशक किसी भी कारोबारी दिन में अपनी यूनिट को बेच और खरीद सकते है।
  • भारत में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए SEBI द्वारा पारदर्शिता को सुनिश्चित करने क लिए कड़े नियम और कानून बनाए गए है।
  • म्यूचुअल फंड का प्रबंधन अनुभवी और प्रोफेशनल फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है। मतलब आपके पैसे विशेषज्ञों की टीम द्वारा इन्वेस्ट किया जाता है।
  • निवेशक कुछ प्रकार के म्यूचुअल फंड जैसे इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश करके कर लाभ प्राप्त कर सकते है।
  • निवेशक म्यूचुअल फंड में कम निवेश से शुरू कर सकते है। अगर आप एक नौसिखिया है, तब भी आप म्यूचुअल फंड में आराम से निवेश कर सकते है।
  • म्यूचुअल फंड निवेशकों को अनेक प्रकार के विकल्प देता है, जैसे लोन, इक्विटी, हाइब्रिड फंड आदि।

म्यूचुअल फंड में टैक्स कितना लगता है?

म्यूचुअल फंड भी एक कमाई का बहुत बड़ा और अच्छा साधन है इसलिए आयकर के कैपिटल गेन (Capital Gain) में Mutual Funds की कमाई को भी शामिल किया गया है। इन्वेस्टर के होल्डिंग समय के आधार पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को अप्लाई किया जाता है।

इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड, यह म्यूचुअल फंड की सबसे अहम कैटेगरी है, जिसमें सबसे ज्यादा लोग निवेश करते है। इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार इस कैटेगरी के फंड से पैसा निकालने पर शेयर के जैसे ही टैक्स का भुगतान करना होगा। अगर निवेशक 12 महीने से ज्यादा इस कैटेगरी में निवेश करके पैसे निकालता है तो उन्हे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का भुगतान करना होगा।

इसमें एक लाख से जीतना भी ज्यादा मुनाफा होगा, उसका 10 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा। यदि निवेशक किसी यूनिट को 12 महीने से कम अवधि के लिए होल्ड करते है तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में गिना जाएगा। इससे होने वाले फायदे पर 15% की दर से टैक्स का भुगतान करना होगा।

अगर आपने डेट म्यूचुअल फंड की कैटेगरी में निवेश किया है तो डेट फंड की यूनिट को 36 महीने से ज्यादा होल्ड करने के बाद बेचा जाता है, तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में शामिल किया जाएगा, और 20% की तरह से टैक्स का भुगतान करना होगा।

वहीं, 36 महीने की अवधि पूरी होने से पहले यूनिट को बचने पर मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में गिना जाएगा। और निवेशक की आय के अनुसार टैक्स स्लैब को ध्यान में रखते हुए टैक्स लिया जाएगा।

म्यूचुअल फंड के फायदे क्या है?

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करके लाखों करोड़ों रुपये कमाना चाहते है, लेकिन कम रिस्क लेना चाहते है तो ऐसे में म्यूचुअल फंड एक बहुत अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड में आप बड़े आराम से निवेश कर सकते है, जिसके लिए आपको ज्यादा टेंशन लेने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। चलिए मैं आपको म्यूचुअल फंड के फायदों के बारे में बताता हूँ, जो निम्नलिखित हैं।

  • म्यूचुअल फंड में सबसे बड़ा फायदा पोर्टफोलियो विविधीकरण का होता है, क्योंकि इसमें निवेशक के पैसे अलग-अलग जगहों पर निवेश किए जाते है।
  • हम म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से निवेश कर सकते है, मतलब हम केवल 500 रुपये हर महीने जमा करके लंबे समय तक निवेश कर सकते है।
  • प्रत्येक AMC व्यय अनुपात का कुछ प्रतिशत चार्ज करती है, जिसे उस योजना में शामिल निवेशकों की संख्या में वितरित कर दिया जाता है। इससे एक अकेले निवेशक को कम लागत लगानी पड़ती है।
  • म्यूचुअल फंड का प्रबंधन एक फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जो एक प्रोफेशनल और अनुभवी व्यक्ति होता है। फंड मैनेजर शेयर मार्केट पर पूरी नजर रखता है, और सही जगह पर निवेश करता है।
  • म्यूचुअल फंड में काफी फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।
  • म्यूचुअल फंड में निवेशकों को कर लाभ भी मिलता है।
  • आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश करना बिल्कुल आसान है। आप ब्रोकरेज फर्मों, रजिस्ट्रार की मदद से ऑफलाइन निवेश कर सकते है। और इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन निवेश भी कर सकते है।
  • म्यूचुअल फंड में अनेक प्रकार की योजनाएं हैं, जो प्रत्येक निवेशक के निवेश प्रोफाइल के अनुरूप हो सकती है।
  • SIP प्रक्रिया में आप स्वचालित निवेश का लाभ ले सकते है, मतलब स्वचालित निवेश में आपके बैंक खाते से निवेश राशि स्वत: ही कट जाएगी।
  • म्यूचुअल फंड अत्यधिक तरल होते है, क्योंकि आप अपने यूनिट को किसी भी समय कार्य दिवसों में बेच सकते है। अगर आपने क्लोज-एंडेड स्किम में निवेश किया है, तो आप एक्ज़िट लोड के निर्दिष्ट प्रतिशत का भुगतान करके किसी भी समय अपने पैसे रीडीम कर सकते है।
  • म्यूचुअल फंड में रिस्क को मोनिटर करने के लिए रिस्कोमीटर का उपयोग कर सकते है, जो एक मीटर-प्रकार का ग्राफिकल प्रतिनिधत्व होता है। यह जोखिम के विभिन्न स्तरों पर प्रिंसिपल को दर्शाता हैं, जैसे निम्न, निम्न से मध्यम, मध्यम, उच्च, और बहुत उच्च।

म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या है?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कुछ नुकसान भी है, जो निम्नलिखित है।

  • म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा नुकसान अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा पेशेवर प्रबंधन से जुड़ी उच्च लागत है। क्योंकि इसके परिणामस्वरूप विभिन्न शुल्क और चार्ज लगते है जो अंतत: निवेशकों से वसूले जाते हैं।
  • अगर आप क्लोज-एंडेड प्लान में निवेश करते है, और लॉक-इन अवधि के भीतर म्यूचुअल फंड को रिडीम करते है तो आपको एक एक्जिट लोड के रुप में एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
  • फंड मैनेजर आपके पैसों को कहां इन्वेस्ट करेगा, इस पर आपका कुछ भी नियंत्रण नहीं होता है।
  • विविधीकरण म्यूचुअल फंड का सबसे अहम लाभ है, लेकिन अधिक विविधीकरण हानिकारक होता है। क्योंकि इससे फंड का परिचालन शुल्क बढ़ जाएगा।
  • म्यूचुअल फंड कभी भी निवेशकों को किसी निश्चित रिटर्न का वादा नहीं करता है, और उनकी कीमतें उनके NAV में दिखाई देती है, जो हमेशा बदलती है।
  • म्यूचुअल फंड में अलग-अलग स्कीम के लिए टैक्स भी अलग-अलग तरह से लगता है। और इस वजह से इन्वेस्टर्स को टैक्स के बारे में समझना मुश्किल हो जाता है।
  •  निवेशक को म्यूचुअल फंड की किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले व्यापक रिसर्च करनी जरूरी है। क्योंकि म्यूचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता है।

Mutual Fund में मेरा पूरा पैसा डूब सकता है क्या?

म्यूचुअल फंड भी शेयर मार्केट की तरह बाज़ार में होने वाले उतार-चढ़ाव के अधीन है। म्यूचुअल फंड में भी जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का थोड़ा-बहुत नुकसान हो सकता है। हालांकि, Mutual Fund के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इसमें आपके सभी पैसे खोने की संभावना बहुत कम होती है। आप आराम से बिना किसी टेंशन के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है।

FAQs: Mutual Fund Me Nivesh Kaise Kare

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सही समय क्या है?

बाज़ार में निवेश करने के लिए कोई भी समय निश्चित नहीं होता है। आप अपनी पूरी रिसर्च करने के बाद किसी भी समय निवेश कर सकते है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते है, इसलिए आपको बाजार में सुधार की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। आप अपने जोखिम और लक्ष्य को निर्धारित करके बिना देरी किए निवेश कर सकते है।

म्यूचुअल फंड में रिटर्न की औसत दर क्या है?

म्यूचुअल फंड में लंबे समय वाले इक्विटी स्कीम में औसतन लगभग 12%, डेट स्कीम में लगभग 8%, और हाइब्रिड स्कीम में लगभग 10% का वार्षिक रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, ये बाजार से जुड़े निवेश है इसलिए इसमें परिवर्तन हो सकता है। और वैसे भी म्यूचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन भविष्य में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है।

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है?

म्यूचुअल फंड को हम पूरी तरह सुरक्षित नहीं बोल सकते है, क्योंकि म्यूचुअल फंड में भी रिस्क होता है। हालांकि इसमें जोखिम को कम करने के लिए कई तरह के नियम लागू होते है, और इसमें पैसों को कई क्षेत्रों निवेश किया जाता है। इस वजह से म्यूचुअल फंड में स्टॉक या बॉन्ड के मुकाबले कम जोखिम होता है।

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?

नहीं, म्यूचुअल फंड में निवेश टैक्स फ्री नहीं है। म्यूचुअल फंड में प्रोफिट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) और शोर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग तरह के म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे, इक्विटी और डेट पर कई तरह के अलग-अलग टैक्स लगते हैं।

म्यूच्यूअल फंड से पैसे कैसे कमाए?

म्यूचुअल फंड में हम दो प्रमुख तरीकों से पैसे कमा सकते है- समय-सीमा और ग्रोथ। समय-सीमा में हम एक निश्चित समय के लिए निवेश करते है, और समय के साथ हम उस स्कीम से लाभ प्राप्त करते है। वहीं, ग्रोथ में लाभ की गारंटी नहीं होती है। इसमें निवेशक कुछ यूनिट या शेयर खरीदकर अपने पास रख लेता है।  जब उस यूनिट या शेयर का मूल्य अच्छा होता है, तब उसे बेचकर लाभ कमा सकते है।

यह लेख भी पढ़ें –

निष्कर्ष

अगर आपको शेयर मार्केट की जानकारी नहीं है, और आप शेयर मार्केट में अपने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है तो ऐसे में म्यूचुअल फंड आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन है। आपको अपने पैसे केवल म्यूचुअल फंड में जमा करने है, जिसके बाद फंड मैनेजर आपके पैसों को बिल्कुल सही जगह पर शेयर मार्केट में लगा देंगे। इस तरह आप बिना जानकारी के भी म्यूचुअल फंड की मदद से शेयर मार्केट में अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते है।

म्यूचुअल फंड में आप SIP और एकमुश्त निवेश कर सकते है, इसलिए यह निवेश के लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है। इस आर्टिकल में, मैंने आपको बताया कि म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? उम्मीद है कि इस आर्टिकल ने आपको म्यूचुअल फंड को समझने में पूरी मदद की होगी। कृपया इस आर्टिकल को अपने उन दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करें जो म्यूचुअल फंड में अपने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

दोस्तों मेरा नाम देवेन्द्र सिंह है और में पैसावाला.ऐप ब्लॉग पर एक लेखक और पब्लिशर हूँ! ब्लॉग पर पधारने के लिए धन्यवाद!

Leave a Comment